एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs) 29 November, 2013

एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs)

29 नवम्बर, 2013

अगले हफ्ते आ सकते हैं इनसाइडर ट्रेडिंग के नए नॉर्म्स

  • कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी अगले हफ्ते इनसाइडर ट्रेडिंग के नए नॉर्म्स जारी कर सकता है।
  • सेबी ने मौजूदा रेगुलेशंस को रिव्यू करने के लिए साल के शुरू में एक पैनल बनाया था।
  • सेबी चीफ यू के सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि पैनल 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सबमिट कर सकता है।
  • नए नियमों को अंतिम रूप देने से पहले नया प्रपोजल बोर्ड में ले जाएगा।
  • बोर्ड में फाइनेंस मिनिस्ट्री, कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री और भारतीय रिजर्व बैंक के रिप्रेजेंटेटिव होते हैं।
  • इनसाइडर ट्रेडिंग गैरकानूनी है, क्योंकि इसमें लोग कंपनी की अंदरूनी जानकारी के आधार पर उसके शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं।

विप्रो की संपत्ति जब्त होने का खतरा

  • देश की तीसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी विप्रो पर संपत्ति जब्ती का खतरा मंडरा रहा है। उस पर करीब 16.47 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स न चुकाने का आरोप है। इसके चलते वृहत बेंगलूर महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।
  • विप्रो ने बताया कि वह इस कार्रवाई से बचने के लिए कानूनी कदम उठा रही है।
  • बीबीएमपी का आरोप है कि कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद कंपनी टैक्स नहीं चुका रही है। इसलिए अंतिम नोटिस जारी किया गया है। यदि इस बार भी प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान नहीं हुआ तो कार्रवाई जरूरी हो जाएगी।

रिजर्व बैंक ने बीमा उद्यमों में एनबीएफसी के लिये निवेश नियमों में छूट दी

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने बीमा संयुक्त उद्यम में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ( एनबीएफसी ) के लिये नियमों में ढील दी है. इसके तहत उन्हें ऐसी कंपनियों में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी है.

  • रिजर्व बैंक ने कल जारी अधिसूचना में कहा, ‘‘समीक्षा के बाद यह निर्णय किया गया है कि जहां बीमा नियामक इरडा संयुक्त बीमा उद्यम में पूंजी डालने को कहता है, बैंक ( आरबीआई ) मामला-दर-मामला आधार पर 50 प्रतिशत समूह सीमा पर विचार कर सकता है.’’ इसके अनुसार यह छूट एनबीएफसी द्वारा नियामकीय शर्तों को पूरा करने पर निर्भर है.

एफआईए चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी महिंद्रा रेसिंग

  • महिंद्रा रेसिंग भारत की ओर से एकमात्र टीम होगी जो सितंबर 2014 में शुरू होने जा रहे एफआईए फॉर्मूला ई चैंपियनशिप के पहले संस्करण का हिस्सा बनेगी।
  • महिंद्रा की मुंबई स्थित मोटर स्पोट्स डिविजन ने फॉर्मूला ईहोल्डिंग्स के साथ चैंपियनशिप की आठवीं और भारत की ओर से एकमात्र टीम के रूप में शामिल होने के लिए करार किया है। इस चैंपियनशिप में ऑल इलेकिट्रक ग्लोबल रेस सीरीज के पहले संस्करण में कुल 10 रेसें कराई जाएंगी।
  • इस चैंपियनशिप का मुख्य मकसद दुनियाभर में बैट्री से चलनेवाली गाड़ियों के प्रति लोगों में जारुकता फैलाना और उन्हें ई वी तकनीक से अवगत कराना है। इस रेस को लंदन, बीजिंग और लॉस एंजेलिस समेत दुनियाभर में विभिन्न शहरों से होकर गुजरेगी।
  • महिंद्रा रेसिंग पहले भी अंतरराष्ट्रीय मोटर स्पोट्स से जुड़ी कई प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा ले चुकी है तथा वह मोटो जी विश्व चैंपियनशिप की भी अहम टीम है।

फीफा रैंकिंग में भारत ने लगाई छलांग

  • ताजा फीफा रैंकिंग में भारत छह स्थान की छलांग लगाते हुए 154 रैकिंग से 148 रैकिंग पर आ गया है. वहीं एशिया में भारत 27वें स्थान पर पहुंच गया है. ईरान पहले स्थान पर जबकि जापान दूसरे स्थान पर खिसक गया है. दक्षिण कोरिया एशिया में तीसरे और ऑस्ट्रेलिया चौथे स्थान पर है.
  • विश्व रैंकिंग में स्पेन, जर्मनी, अर्जेन्टीना और कोलंबिया चोटी के चार स्थानों पर बरकरार हैं. पुर्तगाल नौ स्थान की लम्बी छलांग लगाकर पांचवें नम्बर पर पहुंच गया है.
  • भारत को हाल में दो अंतर्राष्ट्रीय मैत्नी फुटबाल मैचों में फिलीपींस से 1-1 से ड्रा खेलने और नेपाल को 2-0 से हराने का फायदा मिला है.

लिव-इन रिलेशनशिप न अपराध, न ही कोई पाप: सुप्रीम कोर्ट

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन न तो अपराध है और न ही पाप है।
  • साथ ही अदालत ने संसद से कहा है कि इस तरह के संबंधों में रह रही महिलाओं और उनसे जन्मे बच्चों की रक्षा के लिए कानून बनाया जाए।
  • उच्चतम न्यायालय ने कहा कि दुर्भाग्य से सहजीवन को नियमित करने के लिए वैधानिक प्रावधान नहीं हैं। सहजीवन खत्म होने के बाद ये संबंध न तो विवाह की प्रकृति के होते हैं और न ही कानून में इन्हें मान्यता प्राप्त है। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने ऐतिहासिक फैसले में सहजीवन को वैवाहिक संबंधों की प्रकति के दायरे में लाने के लिए दिशानिर्देश तय किए।
  • पीठ ने कहा कि संसद को इन मुद्दों पर गौर करना है, अधिनियम में उचित संशोधन के लिए उपयुक्त विधेयक लाया जाए ताकि महिलाओं और इस तरह के संबंध से जन्मे बच्चों की रक्षा की जा सके, भले ही इस तरह के संबंध विवाह की प्रकृति के संबंध नहीं हों।

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