एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs) 17 September, 2013

एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs)

17 सितंबर 2013

अग्नि-5 अमेरिका को भी निशाना बना सकती है

चीन और यूरोप के कई मुल्कों को जद में लेने वाली भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल [आइसीबीएम] अग्नि-पांच की मारक क्षमता को जरूरत पड़ने पर 10 हजार किमी तक बढ़ाया जा सकता है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन [डीआरडीओ] सतह से सतह पर फिलहाल पांच हजार किमी तक वार करने में सक्षम इस मिसाइल को अगले दो साल में सेना को तैनाती के लिए मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है। पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले देश के पहले बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र को भी इस साल के अंत कर स्वदेशी नाभिकीय पनडुब्बी आइएनएस अरिहंत से जोड़कर उसके परीक्षण शुरू कर दिए जाएंगे।

अग्नि-पांच के दूसरे कामयाब परीक्षण से उत्साहित डीआरडीओ प्रमुख व रक्षा मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार अविनाश चंदर ने बताया कि जरूरत पड़ने पर प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता दोगुनी भी की जा सकती है। चंदर ने कहा कि अग्नि-पांच भारत की पहली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है और इस बारे में किसी को संशय नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि 19 अप्रैल, 2012 को हुए इसके पहले परीक्षण के वक्त अग्नि-पांच को लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल [एलआरबीएम] कहा गया था।

फिलहाल पूरे चीन और यूरोप के कई मुल्कों तक वार करने में सक्षम अग्नि-पांच की मारक क्षमता यदि दस हजार किमी तक बढ़ाई जाती है तो यह अमेरिका तक भी प्रहार कर सकेगी। रक्षा वैज्ञानिकों ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि प्रक्षेपास्त्रों की प्रहार क्षमता खतरों के आधार पर तय होती है। अग्नि-पांच एक हजार टन नाभिकीय विस्फोटक के साथ पांच हजार किमी तक अपने लक्ष्य पर प्रहार कर सकती है। डीआरडीओ प्रमुख के अनुसार कम समय में अग्नि-पांच को कहीं भी पहुंचाने वाले कैनिस्टर संस्करण के अभी कुछ परीक्षण किए जाएंगे। इसके बाद इसे सेना को उपलब्ध करा दिया जाएगा। डीआरडीओ ने 2008 में अग्नि-पांच प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम का एलान किया था। यह भारत की सबसे कम समय में विकसित मिसाइल है।

भारत अब जमीन और आकाश के साथ पानी के भीतर से भी प्रक्षेपास्त्र प्रहार की क्षमता हासिल कर चुका है। जनवरी, 2013 में हुए परीक्षण के बाद पनडुब्बी से दागी जाने वाली बी-05 मिसाइल नाभिकीय पनडुब्बी अरिहंत से जोड़े जाने के लिए तैयार है। डीआरडीओ प्रमुख ने बताया कि अगले कुछ महीनों में पनडुब्बी के साथ प्रक्षेपास्त्र के परीक्षण शुरू हो जाएंगे। इस प्रक्षेपास्त्र से भारत को रणनीतिक मारक क्षमता हासिल होगी।

सेतु समुद्रम पर तमिलनाडु की आपत्तियां खारिज

सेतु समुद्रम परियोजना पर केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार की आपत्तिायों को खारिज कर दिया है। केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 25,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर आगे बढ़ने की मंशा जाहिर की। साथ ही कहा कि आरके पचौरी की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट में तर्कसंगत और वैज्ञानिक आंकड़ें नहीं रख पाई। तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि विवादास्पद परियोजना को निरस्त कर दिया जाना चाहिए और केंद्र को समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करना चाहिए। समिति ने पाया था कि समूची परियोजना आर्थिक और पर्यावरण के मोर्चे पर अव्यावहारिक है। राज्य सरकार की दलील थी कि परियोजना से समुद्री जैव विविधता को खतरा है। साथ ही केंद्र को रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का निर्देश दिए जाने की भी मांग की गई थी। इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि सभी तर्कसंगत कारकों की जांच के बाद ही इस परियोजना को पर्यावरण मंजूरी दी गई। यह परियोजना जनहित और आर्थिक मोर्चे पर लाभप्रद साबित होगी। जहाजरानी मंत्रालय की तरफ से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि समिति के निष्कर्ष मनमाने तरीके से निकाले गए हैं और विरोधाभासी भी हैं। वहीं राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग पर कहा गया है कि इस संबंध में कोई पुरातात्विक शोध उपलब्ध नहीं हैं।

अनिवार्य सेवानिवृत्तिदंडात्मक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अनिवार्य सेवानिवृत्तिके आदेश को दंडात्मक या साख पर बट्टा लगने जैसा न बताते हुए कहा कि यह सरकारी संस्था द्वारा लिया गया ऐसा निर्णय होता है, जिसे वह जनहित में सही समझती है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों की न्यायिक समीक्षा की गुंजाइश काफी कम होती है।

केएस राधाकृष्णन और एके सीकरी की पीठ ने कहा कि अगर संवैधानिक संस्था अपने कर्तव्य का पालन न करते हुए कोई ऐसा कदम उठाती है जो एकतरफा या फिर जान-बूझकर किसी की छवि को धूमिल करने वाला हो, तभी इसमें दखल की इजाजत दी जा सकती है।

राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने ये विचार रखे। निगम ने अपने एक ड्राइवर को अनिवार्य सेवानिवृत्तिदेने के फैसले को हाई कोर्ट द्वारा पलटने के आदेश को सुप्रीम में चुनौती दी थी।

बांग्लादेश में जमात के शीर्ष नेता को मौत की सजा

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कट्टर धार्मिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी के शीर्ष नेता अब्दुल कादर मुल्ला को 1971 के युद्ध अपराधों के लिए विशेष न्यायाधिकरण द्वारा दी गई उम्र कैद की सजा को पलटते हुए उसे मौत की सजा सुनाई। मुख्य न्यायाधीश एम मुजम्मिल हुसैन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ ने कहा, अब्दुल को मौत की सजा सुनाई है। 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के अब तक के पहले मुकदमे की शीर्ष अदालत ने समीक्षा की है। गत पांच फरवरी को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मीरपुर के कसाई नाम से कुख्यात 65 वर्षीय पार्टी महासचिव अब्दुल को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जमात का चौथा शीर्ष नेता अब्दुल ऐसा पहला नेता है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराया है और उसकी सभी आरोपों से बरी किए जाने की अपील को ठुकरा दिया है।

उल्लेखनीय है कि 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान बड़े पैमाने पर नरसंहार हुए थे। इन युद्ध अपराधों के मुकदमों में एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों पर दोष सिद्ध हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर जमात के नेता हैं। इन मामलों में अब तक चार नेताओं को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। गत जनवरी में युद्ध अपराध के तहत पहली सजा सुनाई गई थी।

सीरिया में रासायनिक हथियारों के हमले की हुई पुष्टि

सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार द्वारा नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के अमेरिकी आरोपों पर संयुक्त राष्ट्र जांच दल ने भी अपनी मुहर लगा दी। जांच दल रिपोर्ट सामने आने के बाद मून ने रासायनिक हमले की निंदा करते हुए इसे युद्ध अपराध करार दिया है। रविवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया में बड़े पैमाने पर नागरिकों के खिलाफ पिछले महीने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में मून ने कहा कि वह भारी मन से रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। उनका कहना था कि यदि असद सरकार रासायनिक हथियारों के नष्ट करने का वादा पूरा नहीं करता तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जांच दल ने 14 स्थानों पर रासायनिक हमलों की जांच की। गौरतलब है कि गत 21 अगस्त को दमिश्क के उपनगरीय क्षेत्र में रासायनिक हथियार का प्रयोग हुआ था या नहीं इसकी जांच की जिम्मेदारी स्वीडिश विशेषा अके सेलस्ट्रोम के नेतृत्व वाली निरीक्षण टीम को सौंपी गई थी।

इस हमले में करीब 1400 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका इस हमले के पीछे असद शासन का हाथ मानता है। दूसरी ओर, असद सरकार ने देश के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने को लेकर रूस और अमेरिका के बीच हुए समझौते का स्वागत किया है। उसका कहना है कि इससे सीरिया पर अमेरिकी हमला टालने में मदद मिलेगी।

ब्याज दरें नहीं बढ़ाएगा आरबीआइ

प्रधानमंत्री ने एसोचैम की सालाना बैठक में राहत की खबर दी कि आरबीआइ ब्याज दरें नहीं बढ़ाएगा। साथ ही उन्होंने सोने के आयात पर और भी लगाम लगाने के संकेत दिए। आरबीआइ ने 22 बैंकों पर केवाइसी और मनी लांड्रिंग संबंधी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बाद करीब 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इन इन बैंकों में एसबीआइ, पीएनबी, यस बैंक, केनरा बैंक जैसे बड़ी संस्थाएं शामिल हैं। जुर्माने की राशि 50 लाख से 3 करोड़ रुपये के बीच रही। सेबी ने साईं प्रसाद प्रॉपर्टी लिमिटेड को आम जनता से सामूहिक निवेश योजनाओं के नाम पर कोई भी नया डिपॉजिट न लेने की हिदायत दी है। अपने आदेश में बाजार नियामक ने कंपनी को नई योजना लांच करने और संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सरकार ने 13 क्षेत्रों में एफडीआइ की सीमा बढ़ाने का फैसला लेते हुए इससे संबंधित नियमों को सरल बनाया है। रक्षा, टेलीकॉम, औऱ बीमा आदि में एफडीआइ सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। केयर रेटिंग के मुताबिक रीयल एस्टेट में मांग काफी नरमी देखी जा रही है। एजेंसी ने इस वक्त निवेश की सलाह नहीं दी है।

एश्योर्ड रिटर्न वाले उत्पादों पर पाबंदी

कमोडिटी बाजार नियामक एफएमसी (फारवर्ड मार्केट कमीशन) ने किसी भी तरह के एश्योर्ड रिटर्न वाले उत्पादों पर पाबंदी लगा दी है। नियामक ने सभी एक्सचेंजों को इस बाबत आदेश जारी किए हैं। किसी भी तरह की पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -बाजार नियामक सेबी ने केबीसीएल जो पहले कल्पतरु बायोटेक के नाम से जाना जाता थी, को आम जनता से किसी भी तरह का फंड जुटाने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही, कॉरपोरेट बांड बाजार में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सेबी ने अपने नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।

-दिल्ली की मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने लापरवाही से गाड़ी चलाते वक्त दोपहिया सवार एक युवक की मौत हो जाने पर 44 लाख रुपये के हर्जाने का फैसला सुनाया है। ओरिएंटल इंश्योरेन्स इस दावे की भरपाई करेगी।

-सरकार ने एफडीआइ के नए नियमों की मंजूरी दे दी है। नए नियमों में दूरसंचार क्षेत्र में 100 और रक्षा क्षेत्र में 26 फीसद समेत कई दूसरे सेक्टर में विदेशी निवेश के नियमों को सरल बनाया है। इससे एफडीआइ की आवक बढ़ने की उम्मीद है।