एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs) 31 October, 2013

एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs)

31 अक्टूबर 2013

इंफोसिस पर 3 करोड़ 40 लाख डॉलर का जुर्माना

  • सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की देश की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने अमेरिकी न्याय विभाग को वीजा संबंधी नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में तीन करोड़ 40 लाख डॉलर का भुगतान करने की सहमति जताई है|
  • अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि यह वीजा नियमों के उल्लंघन का सबसे बड़ा मामला है और इसे निपटाने के लिए दक्षिणी टेक्सास के जिला न्यायालय मे याचिका दायर की गई थी। भारत की दूसरे सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता कंपनी इंफोसिस न्यायालय में अमेरिकी वीजा नियमों के उल्लंघन को स्वीकार करते हुए जुर्माना देने को तैयार हो गई है।

  • हालांकि इंफोसिस ने एक बयान मे कारोबारी प्रतिस्पर्धा में निजी हितों की पूर्ति के लिए वीजा के गलत इस्तेमाल के आरोपों का खंडन किया है। कंपनी ने कहा कि उस पर लगाए गए आरोप आपराधिक प्रकृति के नहीं हैं।

  • अमेरिकी न्याय विभाग ने इंफोसिस पर जानबूझकर स्थापित कानून का उल्लंघन करते हुए भारत से लोगों को बिना उचित वीजा के अमेरिका में काम करने के लिए भेजने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही न्याय विभाग ने कहा कि इंफोसिस ने झूठे आमंत्रण पत्र दिखाकर अमेरिका के न्यायिक अधिकारियों को धोखा देने की कोशिश की है।

कई देशों में गूगल के खिलाफ जांच शुरू

  • गूगल के खिलाफ शिकायत यह है कि उसका सर्च इंजन उन्हीं प्लेटफॉर्म को सपोर्ट करता है, जो कंपनी के पसंदीदा है। इसका मतलब यह है कि जब आप किसी खास कैटेगरी में गूगल पर क्लिक करेंगे, तो हो सकता है कि वे उस ऑर्डर में मिलें, जिस ऑर्डर में गूगल चाहती है। इसमें गूगल यह नहीं देखती कि ऑर्डर उचित है या नहीं, या कि वह भेदभावपूर्ण है या नहीं।

  • सीसीआई के चेयरमैन अशोक चावला का हालिया बयान भारत-यूरोप समेत पांच न्यायिक क्षेत्रों में कंपनी के खिलाफ जांच जारी
  • इंटरनेट दिग्गज गूगल की कारोबारी गतिविधियां सवालों के घेरे में हैं। भारत और यूरोप के अलावा तीन अन्य न्यायिक क्षेत्राधिकारों में स्थानीय कारोबार नियामक संस्थाएं गूगल द्वारा गैर-स्पर्धात्मक गतिविधियों के मामले में जांच कर रही हैं। कंपनी ने कहा है कि अर्जेंटीना, ब्राजील और ताइवान के नियामकों ने भी गूगल के कारोबार के कुछ विशिष्ट पहलुओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। कंपनी ने हाल ही में नियामक को दी गई जानकारी में कहा है कि अर्जेंटीना के कमीशन नेशनल डि डिफेंसा डि ला कंपीटेंशिया, भारत के कंपिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई), ताइवान के फेयर ट्रेड कमीशन और ब्राजील के काउंसिल फॉर इकोनॉमिक डिफेंस ने भी कंपनी के बिजनेस के कुछ पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। भारतीय स्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने पिछले वर्ष अगस्त में कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की थी। भारत में इंटरनेट सर्च मार्केट में गूगल की 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।

  • सीसीआई के चेयरमैन अशोक चावला ने हाल ही में कहा था कि मेरी जानकारी में गूगल के खिलाफ शिकायत यह है कि उसका सर्च इंजन उन्हीं प्लेटफॉर्म को सपोर्ट करता है, जो कंपनी के पसंदीदा है। इसका मतलब यह है कि जब आप किसी खास कैटेगरी में गूगल पर क्लिक करेंगे, तो हो सकता है कि वे उस ऑर्डर में मिलें, जिस ऑर्डर में गूगल चाहती है।

नौकरशाह नहीं लेंगे राजनीतिक आकाओं से मौखिक निर्देश : सुप्रीम कोर्ट

  • नौकरशाही में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में आदेश दिया है कि प्रशासनिक अफसरों के तबादले और पदोन्नति के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र को सिविल सर्विस बोर्ड गठित करना चाहिए और ये बोर्ड तीन महीने के भीतर गठित किए जाएं।

  • पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रह्मण्यम समेत 82 पूर्व नौकरशाहों ने नौकरशाही में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि राजीनितक हस्तक्षेप की वजह से अधिकारी कोई कदम नहीं उठा पाते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि नौकरशाह सरकार से कोई भी आदेश मौखिक नहीं, बल्कि लिखित में लें।

  • कोर्ट ने कहा कि नौकरशाहों को बार-बार ट्रांसफर किए जाने से बचा जाना चाहिए, ताकि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से सचमुच गरीब लोगों को फायदा हो सके। संसद से भी कहा गया कि वह इसके लिए कानून बनाए और जब तक ऐसा कानून नहीं बना दिया जाता, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए।

  • कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि प्रशासनिक अफसर मौखिक निर्देशों का पालन करते भी हैं, तो उन्हें लिखित में दर्ज करें, वरना आरटीआई का उद्देश्य नाकाम हो जाएगा। यदि प्रशासनिक अफसर मौखिक निर्देशों का पालन करते हैं, तो इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, इसलिए प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश लिखित में ही होने चाहिए।

भारत की सृष्टि राणा बनीं मिस एशिया पैसिफिक वर्ल्ड 2013

  • भारत की सृष्टि राणा ने कोरिया में मिस एशिया पैसिफिक वर्ल्डा 2013 का ताज जीता है. 30 अक्तूबर को हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंीने 49 देशों की सुंदरियों को पीछे छोड़ यह ताज अपने नाम किया.
    सृष्टि फाल्गुोनी और शेन गाउन में बेहद खूबसूरत लग रही थीं. साल 2012 में मिस एशिया पैसिफिक वर्ल्ड की भारत की ही विजेता हिमांगिनी सिंह यादू ने उन्हें ताज पहनाया. प्रतियोगिता के दौरान सृष्टि ने अपने खूबसूरती और बुद्धिमानी से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया.

  • प्रतियोगिता के दौरान राष्ट्रीय पक्षी मोर से प्रेरित विशेष ड्रेस पहनने के लिए उन्हें नेशनल कास्ट्यूम अवॉर्ड से भी नवाजा गया. साल 2000 में दीया मिर्जा ने भी ये टाइटल जीता था. एशिया पैसिफिक वर्ल्डह का ताज जीतने के बाद सृष्टि ने कहा, 'यह सपने के सच होने जैसा है. मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है. मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि मैं यह ताज जीत चुकी हूं.'

  • मिस एशिया पैसिफिक वर्ल्डम का ताज दीया मिर्जा और जीनत अमान भी जीत चुकी हैं. यह खिताब जीतने के साथ ही सृष्टि भी इनकी श्रेणी में शामिल हो गई हैं.

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