एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs) 23 November, 2013

एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs)

23 नवम्बर, 2013

चीन के पहले ड्रोन विमान ने भरी सफल उड़ान

  • चीनी सेना ने देश के पहले ड्रोन विमान के परीक्षण उड़ान को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह जानकारी साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट समाचार पत्र में शुक्रवार को प्रकाशित खबर से सामने आई है।
  • समाचार एजेंसी ईएफई के मुताबिक, चीन से पहले सिर्फ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को ड्रोन विमान के निर्माण में महारत हासिल था। इस लिज्जान विमान ने गुरुवार को 20 मिनट के लिए उड़ान भरी।
  • पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक पूर्व जनरल ने समाचार पत्र को बताया कि ड्रोन का इस्तेमाल पूर्वी और दक्षिणी चीन के समुद्री इलाके में गतिविधियों की निगरानी करने में किया जा सकता है और इसके साथ यह पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय विवाद को निबटाने में उचित फैसला लेने में भी मदद कर सकता है।

आनंद का ताज छिना, कार्लसन बने नए विश्व चैंपियन

कार्लसन बने नए विश्व चैंपियन

  • पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का अपना खिताब बरकरार रखने का सपना चकनाचूर हो गया, जबकि नार्वे के मैगनस कार्लसन विश्व चैंपियनशिप में दसवीं बाजी ड्रॉ कराकर शतरंज के नए बादशाह बन गए.

  • कार्लसन, जो कि 30 नवंबर को अपना 23वां जन्मदिन मनाएंगे, ने दो बाजियां शेष रहते ही खिताब अपने नाम किया. उन्होंने दस बाजियों में से तीन में जीत दर्ज की, जबकि बाकी सात बाजियां ड्रॉ रहीं. इस तरह से कार्लसन 6.5 अंक हासिल करके दसवीं बाजी के बाद ही विश्व चैंपियन बन गए. यह शतरंज की दुनिया में नए युग की शुरुआत है.

  • कार्लसन को खिताब के लिए केवल ड्रॉ की दरकार थी, लेकिन उन्होंने नीरस खेल दिखाने के बजाय आनंद को पूरी चुनौती दी, जिससे दसवीं बाजी काफी कड़ी बन गई थी. आलम यह रहा कि नार्वे के खिलाड़ी ने आनंद को चार घंटे और 45 मिनट तक जूझने के लिए मजबूर किया. विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में यह सबसे एकतरफा मुकाबला रहा, जिसके समाप्त होने के बाद आनंद ने निश्चित तौर पर राहत की सांस ली होगी.

  • आनंद ने पांच बार 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में खिताब जीता था, लेकिन विडम्बना देखिए कि उन्हें अपने घरेलू शहर चेन्नई में अपना ताज गंवाना पड़ा. यही नहीं यह पहला अवसर है, जबकि आनंद विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में एक भी बाजी जीतने में नाकाम रहे. आनंद ने 1991 से लेकर पिछले 22 वर्षों में प्रत्येक मुकाबले में एक बाजी जरूरी जीती थी. कार्लसन ने दसवीं बाजी के शुरू से ही मनमाफिक चाल चली. उन्होंने वैसी ही शुरुआत की जैसी वह चाहते थे और अपने प्रतिद्वंद्वी को घेरने के लिये सही तरह से आगे बढ़े. आनंद ने इस बार हालांकि हार नहीं मानी और अपने शानदार रक्षण से आखिर में बाजी को ड्रॉ करवाया.

  • कार्लसन खिताब के करीब थे और आनंद की ज्यादा उम्मीद नहीं बची थी. हालांकि नार्वे का खिलाड़ी चाल दोहराने से पहले हटा. आनंद ने इसके बाद दो छोटे मोहरों की अदला-बदली के बाद कुछ राहत की सांस ली, लेकिन तब दबाव उन्हीं पर था. कार्लसन ने 28वीं चाल में राजा के सामने के प्यादे को पांचवें खाने में आगे बढ़ाकर समाप्ति की तरफ कदम बढ़ाए. आनंद ने कुछ चाल बाद वापसी की और आखिर में बाजी घोड़े और कुछ प्यादों के समापन की तरफ बढ़ गयी. आनंद के लिये स्थिति अधिक जटिल करते हुए कार्लसन ने अपना राजा आगे बढ़ाकर अपनी मजबूत स्थिति बरकरार रखी.

  • आनंद को अपने घोड़े और राजा को बचाव में लगाना पड़ा ताकि आगे कोई नुकसान नहीं हो. दोनों खिलाड़ी लगभग तीन घंटे में पहले टाइम कंट्रोल पर पहुंचे, जबकि 40 बाजियां पूरी हुई, लेकिन तब तक साफ हो गया था कि या तो कार्लसन जीत दर्ज करेगा या फिर बाजी ड्रॉ होगी. दोनों ही स्थितियों में आनंद का अभियान समाप्त हो जाना था और पांच बार के विश्व चैंपियन के लिये यह बेहद अरुचिकर काम करने जैसा था.
    खेल आगे बढ़ने के साथ आनंद कुछ बैचेन भी लग रहे थे, लेकिन एक समय कार्लसन को देखकर लग रहा था कि जैसे कि वह कोई खूंखार जानवर हों. वे सहज दिख रहे थे, लेकिन अपनी राह में आने वाले हर शिकार को खाना चाहते थे. खेल में 46वीं चाल में नाटकीय मोड़ आया, जब कार्लसन ने बड़ी देर तक विचार करने के बाद चाल चली. ऐसा लग रहा था कि नार्वे का खिलाड़ी अपने कुछ मोहरों का बलिदान करना चाहता है और दो चालों के बाद उन्होंने ऐसा किया भी. इसके कारण आनंद अपने सभी प्यादे गंवा बैठे और बोर्ड पर नई रानियां आ गयी.

  • आनंद के पास अतिरिक्त घोड़ा था, लेकिन कार्लसन के पास रानी और खतरनाक दिख रहे दो प्यादे थे. आनंद ने ऐसे में सही चाल पर ध्यान दिया और कार्लसन को ड्रॉ के लिए मजबूर किया. यह बाजी 65 चाल तक चली. कार्लसन को खिताब के अलावा पुरस्कार राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा मिला, जो कि लगभग 14 करोड़ रुपये बनता है.

एलआईसी ने जीवन मित्र और अनमोल जीवन समेत 14 पॉलिसीयों को बंद किया

  • देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अपनी 14 पॉलिसियों को बंद कर दिया है।
  • इन 14 पॉलिसियों में जीवन मित्र और अनमोल जीवन जैसी पॉलिसी भी हैं। इन 14 उत्पादों में एलआईसी 16 नवंबर से कन्वर्टिबल टर्म एश्योरेंस, चिल्ड्रन डेफर्ड एन्डाउमेंट एश्योरेंस जैसी 7 पॉलिसियों की बिक्री पहले ही बंद कर दी है।
  • 5 पॉलिसियों जीवन मित्र, जीवन प्रमुख योजना, एलआईसी बीमा अकाउंट एक और दो की बिक्री 23 नवंबर से बंद की जा रही है। वहीं दो पालिसियों न्यू जीवन निधि व अनमोल जीवन एक की बिक्री 30 नवंबर से बंद होगी।
  • एलआईसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इनमें से कई पॉलिसियां नियामकीय अनुपालन के लिए बंद की जा रही हैं। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जीवन बीमा उद्योग के लिए नए व्यक्तिगत उत्पाद नियमनों को लागू करने की समयसीमा तीन माह बढ़ाकर 31 दिसंबर की थी।
  • इरडा ने सर्कुलर में कहा था, ‘‘नियमनों के प्रावधानों के तहत नहीं आने वाले सभी मौजूदा समूह पालिसियों तथा व्यक्तिगत उत्पादों को 1 अगस्त, 2013 तथा 1 जनवरी, 2014 से वापस लिया जाए।’’
    चंडीगढ़ बना 100 फीसदी सीवरेज ट्रीटमेंट करने वाला देश का पहला शहर
  • प्रशासक के एडवाइजर केके शर्मा ने शुक्रवार को 3-बीआरडी के पास बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कम्प्यूटर माउस से क्लिक करके उद्घाटन किया।
  • इसके साथ ही प्लांट से टर्शरी वाटर की सप्लाई शुरू हो गई। सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (पब्लिक हेल्थ) आरसी दीवान के मुताबिक प्लांट शुरू होने से चंडीगढ़ देश का ऐसा पहला शहर बन गया है जिसका 100 फीसदी सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट हो रहा है।
  • चंडीगढ़ देश का पहला ऐसा शहर है जिसका सीवरेज और स्टॉर्म सिस्टम अलग है। सीवरेज लाइन पूरी तरह से कवर्ड है। यह नया प्लांट शुरू होने से शहर के ज्यादातर हिस्से में टर्शरी वाटर पहुंचने लगेगा।

श्रीलंका ने जीती सीरीज

  • तिलकरत्ने दिलशान और कुशल परेरा के अर्धशतकों की मदद से श्रीलंका ने दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में यहां न्यूजीलैंड को आठ विकेट से हराकर दो मैचों की सीरीज 1-0 से जीती।
  • न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 142 रन बनाए। ल्यूक रोंची ने सर्वाधिक 34 रन बनाए जबकि एंटन डेवसिच ने 30 रन का योगदान दिया।

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