एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs) 17 October, 2013

एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs)

26 अक्टूबर 2013

बुकर पुरस्कार 2013

  • 2013 का प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार न्यूजीलैंड की एलिनोर कैटन को उनके उपन्यास ‘द लुमिनरीज’ के लिए दिया गया है. बुकर पुरस्कारों के 45 साल के इतिहास में कैटन के 832 पेज के उपन्यास को अब तक का सबसे लंबा उपन्यास बताया गया है. उन्होंने ये उपन्यास उन्नीसवीं सदी की सोने की खानों पर लिखा है. कैटन ने यह उपन्यास 25 साल की उम्र में लिखना शुरू किया था.
  • पचास हजार पौंड का पुरस्कार जीतने के बाद कैटन ने अपने प्रकाशक का धन्यवाद दिया, जिन्होंने उसे अपने हिसाब से लिखने की आजादी दी.
  • इस समारोह का आयोजन लंदन के गिल्डहॉल में हुआ. कैटन को पुरस्कार के साथ पचास हजार पाउंड की इनामी राशि भी दी गयी.
  • इस साल के पुरस्कार को डचेज ऑफ कार्नवेल कैमिला ने प्रस्तुत किया. मैकफार्लेन ने बताया कि दो घंटे की बहस के बाद जजों ने कैटन को विजेता घोषित करने का फैसला लिया.
  • कनाडा में जन्मी कैटन न्यूजीलैंड में पली-बढ़ी हैं और वह मैन बुकर पुरस्कार जीतनेवाली न्यूजीलैंड की दूसरी लेखक हैं.
  • इस साल नोवॉयलेट बुलावायो, जिम क्रेस, झुंपा लाहिड़ी, रु थ ओजेकी और कॉल्म टोइर्बिन को बुकर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था.

कर मामलों की बहुपक्षीय संधि पर स्विट्जरलैंड का हस्ताक्षर

  • स्विट्जरलैंड ने आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंड, ओईसीडी) की कर मामलों पर आपसी प्रशासनिक सहयोग की बहुपक्षीय संधि पर 15 अक्टूबर 2013 को हस्ताक्षर किए.
  • इस संधि पर भारत सहित 58 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. पेरिस स्थित ओईसीडी ने कर चोरी तथा काले धन को छिपाने से रोकने के लिए वैश्विक कर मानदंड बनाए हैं.
  • इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देश आपस में सूचना एवं सहयोग का आदान- प्रदान करेंगे.
  • इस संधि के तहत स्विट्जरलैंड को दूसरे देशों की सरकारों के साथ स्वत: सूचनकाओं का आदान-प्रदान करना है तथा कालेधन की जांच के संबंध में पारस्परिक आधार पर सहयोग देना है.
  • स्विट्जरलैंड सरकार कर मामलों में सभी प्रकार का आपसी सहयोग करेगी जिसमें जानकारी के लिए आग्रह पर सहयोग, स्वत: तरीके से सूचनाओं का आदान-प्रदान, कर जांच और कर संग्रहण में आधिकारिक सहायता आदि शामिल है.
  • इस बहुपक्षीय संधि पर स्विट्जरलैंड द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की घोषणा करते हुए ओईसीडी ने कहा कि इसमें स्वत: सूचनाओं के आदान-प्रदान का विकल्प है.
  • इसके लिए इच्छुक पक्षों को सहायता के रूप में करार करने की जरूरत होगी. ओईसीडी में कर मामलों के प्रमुख पास्कल सैंट अमान्स ने कहा इस संधि के साथ स्विट्जरलैंड में बैंकिंग गोपनीयता का दौर समाप्त हो जाएगा.
  • इस फैसले पर अभी स्विटजरलैंड की संसद की स्वीकृति नहीं मिली है. जब तक इसकी वहां से पुष्टि नहीं हो जाती तब तक इस पर अमल नहीं हो सकता.
  • स्विस नेशनल बैंक के ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2012 के अंत तक स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय द्वारा जमा धन रिकार्ड निचले स्तर 9000 करोड़ रुपए यानी 1.42 अरब स्विस फ्रेंक पर आ गया था.
  • एक साल पहले यह आंकड़ा 14000 करोड़ रुपए यानी 2.18 अरब स्विस फ्रेंक रहा था.
  • इस दौरान दुनिया भर की इकाइयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा धन 2012 में घटकर 1500 अरब डालर पर आ गया. इससे एक साल पहले यह 1650 अरब डालर था.

संधि का भारत पर प्रभाव

दूसरे विश्व युद्ध बाद से स्विस बैंक का प्रयोग विश्व भर में कर की चोरी करने और काले धन को छिपाने के लिये किया जाने लगा था.

माना जाता है कि भारत के कर चोरों और भ्रष्टाचारियों ने भी कई लाख करोड़ की रकम स्विस बैंकों में जमा कर रखी है. वर्ष 2008 में जब पूरी दुनिया में मंदी आई और इसके बात यूरोजोन कर्ज संकट में फंसा तब "कर चोरों के स्वर्ग" स्विटजरलैंड की बैंकिंग नीतियों में बदलाव करने की मांग उठने लगी.

अमेरिकी कर विभाग ने खासतौर से स्विस बैंकों के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाया है. इसके साथ ही कई बड़े विवाद भी उठे जब स्विस बैंकों में खाता रखने वालों के बारे में कहीं और से जानकारी सामने आने लगी.

इस समझौते में फिलहाल दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी 20 के सदस्य देश और 40 दूसरे देश शामिल हैं.

इन सभी देशों ने आपस में जानकारी साझा करने के साथ ही कर की धोखाधड़ी रोकने के लिए साझा अभियान चलाने पर भी सहमति जताई है.

अब तक होता यह था कि इस तरह के मामलों में जांच दूसरे देशों के कानून के जाल में उलझ जाती थी और कर चोरों को इसका फायदा उठाने का मौका मिल जाता था.

विदित हो कि स्विट्जरलैंड पर लंबे समय से विदेशी अधिकारियों के साथ स्विस बैंकों में खातों के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का दबाव पड़ रहा था.

भारत सहित अन्य देशों की इकाइयों द्वारा कर बचाने के लिए इस रास्ते का दुरुपयोग किया जाता रहा है.

विश्व कप फुटबॉल में पहली बार खेलेगा बोस्निया

  • बोस्निया-हर्जेगोविना ने लिथुआनिया को हराकर अगले साल ब्राजील में होने वाले फुटबॉल विश्व कप में जगह बना ली है। मंगलवार देर रात खेले गए क्वालीफाइंग मुकाबले में बोस्निया-हर्जेगोविना ने वेदाद इबिसेविच के गोल के दम पर 1-0 से जीत दर्ज करते हुए पहली बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया।

  • विश्व चैंपियन स्पेन और इंग्लैंड भी विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर गए हैं। स्पेन ने एलबासेटे में खेले गए मुकाबले में कोई गलती नहीं करते हुए जॉर्जिया को 2-0 से हराया। स्पेन को विश्व कप फाइनल्स में जगह बनाने के लिए मात्र एक अंक की दरकार थी। उसके लिए एलवारो नग्रेडो और स्थानापन्न खिलाड़ी जुआन माटा ने गोल दागे। इंग्लैंड ने वेन रूनी और स्टीवन गेरार्ड के गोलों के दम पर पोलैंड को घरेलू मैदान पर 2-0 से पराजित कर लगातार पांचवीं बार ंिवश्व कप में प्रवेश किया। टीम ग्रुप 'एच' में 22 अंक लेकर यूक्रेन से आगे रही।

एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने को फिनलैंड से करार

  • भारत व फिनलैंड ने एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक समझौता किया है।
  • दोनों देशों के बीच यह करार दुनिया में स्वच्छ ऊर्जा टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला प्रयास है।
  • इसके तहत तेल व गैस उत्पादक ओएनजीसी और फिनिश स्वच्छ ऊर्जा टेक्नोलॉजी कंपनी केम्पोलिस जैव अपशिष्ट पदार्थो से एथेनॉल, बायो केमिकल्स व बायो कोल उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेंगी।
  • फिनलैंड के यूरोपीय मामलों के मंत्री अलेक्जेंडर स्टब और भारत की ओर से पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री पनाबाका लक्ष्मी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • ओएनजीसी के चेयरमैन सुधीर वासुदेव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत सेल्युलोज को एथेनॉल में बदला जाएगा। ऐसी तकनीकी विकसित की गई है जिससे सेल्युलोज की मौजूदगी वाले सभी बेकार पदार्थो को एथेनॉल में तब्दील किया जा सकता है। इससे आयातित ईंधनों पर निर्भरता घटेगी।
  • फिलहाल भारत की जरूरत का 75 फीसद एथेनॉल आयात किया जा रहा है, क्योंकि इसका घरेलू स्तर पर ज्यादा उत्पादन नहीं हो पा रहा है।
  • एथेनॉल के कच्चे माल के रूप में गेहूं के डंठलों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दैनिक करेंट अफेयर्स संग्रह (Archive) के लिए यहां क्लिक करें