एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs) 13 जनवरी, 2014

एसएससी परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स (Hindi Current Affairs)

13 जनवरी, 2014

तीसरी बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं शेख हसीना

  • शेख हसीना ने रविवार को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनी हैं। वैसे यह उनका तीसरा कार्यकाल है। इससे पहले 1996 से 2001 के बीच भी प्रधानमंत्री रह चुकी हैं।

  • राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने 66 वर्षीय हसीना सहित 49 सदस्यीय मंत्रिपरिषद को बंगभवन में शपथ दिलाई। हसीना के साथ 29 सांसदों ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। 17 सांसदों को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। दो सांसद उपमंत्री बने हैं।

  • पिछली सरकार में दीपू मोनी विदेश मंत्री, मोहीउद्दीन खान आलमगीर गृह मंत्री और सुरनजीत सेनगुप्ता बिना पोर्टफोलियो वाले मंत्री थे। इस बार तीनों को ही जगह नहीं दी गई है। शपथ लेने के बाद हसीना ने जनता से कहा, 'आप जानते हैं कि शेख हसीना किसी दबाव के आगे झुकती नहीं है।

एसबीआइ ने कहा,एटीएम से हो रहा है घाटा

  • एटीएम से पैसा निकालना आपको महंगा पड़ सकता है. जहां एक ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) एटीएम से पैसा निकालने की संख्या सीमित करने वाले प्रस्ताव पर विचार करने की बात कर रहा है वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने इसपर चार्ज लगाने की मांग की है.

  • एसबीआई ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि एटीएम ऑपरेशन में बैंक को घाटा हो रहा है.

  • एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने रविवार को कहा कि हम जो भी सर्विसेज दे रहे हैं, उनसे एसबीआई को फायदा होना चाहिए. हम कमर्शल नजरिए से प्रैक्टिकल मॉडल चाहते हैं. हम हर महीने नुकसान नहीं उठा सकते. कुछ राज्यों को छोड़कर अन्य जगहों पर एटीएम ऑपरेशन घाटे में चल रहा है. एसबीआई हमेशा के लिए एटीएम पर 'सब्सिडी' नहीं दे सकता. मैं और एटीएम लगाना चाहती हूं, लेकिन मुझे यह भी समझना होगा कि इसे टिकाऊ किस तरह से बनाया जा सकता है.

भारत को मिली पोलियो से आजादी

  • सवा अरब की आबादी वाला भारत अब पोलियो मुक्त हो गया है. दो दशकों की कड़ी मेहनत और पोलियो के खिलाफ अभियान के बाद भारत को बड़ी उपलब्धि मिली है. तीन साल में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

  • भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित करने से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ को इस बात की पुष्टि करनी होगी कि कोई ऐसा मामला तो नहीं जिसका अब तक पता नहीं चल पाया है.

  • आखिरी मामला 2011 में देखा गया था. उस समय साल भर में केवल एक ही मामला दर्ज हुआ था.

  • इसे देखते हुए पिछले साल डब्ल्यूएचओ ने भारत का नाम पोलियो ग्रस्त देशों की सूची से हटा दिया था.

  • हालांकि पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान अब भी बुरी तरह इसकी चपेट में हैं.

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन से पोलियो मुक्त प्रमाणपत्र मिलने में अभी थोड़ा समय लगेगा.

  • उम्मीद की जा रही है कि कागजी कार्रवाई के बाद 11 फरवरी को भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया जाएगा.

  • पिछले दो दशक से देश भर में लाखों स्वयंसेवक, डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी लगातार पोलियो के खिलाफ काम कर रहे हैं और उसके बाद लक्ष्य पूरा हो पाया है. घर घर जा कर इस बात की पुष्टि की जाती रही है कि तीन साल से कम उम्र वाले बच्चों को टीके की खुराक नियमित रूप से मिल रही हो. 2009 में देश में 741 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2010 में ये घटकर 42 हो गए और इसके अगले साल केवल एक ही मामला सामने आया.

  • 1990 के दशक में भारत में पोलियो के खिलाफ युद्धस्तर पर टीका अभियान चलाया गया. इस काम में संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार और सामाजिक संस्थाओं की मदद की. इसका नतीजा आज पोलियो मुक्त भारत के रूप में सामने आया है. यूनीसेफ में पोलियो ऑपरेशन की प्रमुख निकोल डॉयच इस कामयाबी को पोलियो के खिलाफ जंग में ''मील का पत्थर'' बताती हैं.

महिलाओं के लिए भारत का पहला रिवॉल्वर निर्भीक जारी किया गया

  • महिलाओं के लिए भारत का पहला रिवॉल्वर 10 जनवरी 2014 को जारी किया गया. इसे निर्भीक नाम दिया गया है. रिवॉल्वर दिसंबर 2012 में सामूहिक बलात्कार की पीड़िता निर्भया को श्रद्धांजलि है.
  • निर्भीक रिवॉल्वर का निर्माण भारतीय आयुध निर्माण फैक्ट्री, कानपुर ने किया है. हल्के वजन तथा 0.32 बोर वाले इस रिवॉल्वर को महिलाओं को आत्मसुरक्षा की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है.
  • निर्भीक रिवॉल्वर इटेनियम मिश्र धातु से बना है तथा इसका वजन मात्र 500 ग्राम है. सबसे हल्के रिवॉल्वर होने के साथ भारत में बनाए गए रिवॉल्वरों में निर्भीक सबसे छोटा रिवॉल्वर भी है. इसे सरल तंत्र और हल्के फ्रेम के कारण इसे वेब्ली एंड स्कॉट और स्मिथ एंड वेस्सन का भारतीय संस्करण के रूप में देखा जा रहा है.

केलकर रिपोर्ट: पेट्रोलियम नियामक डीजीएच ने जताई कड़ी आपत्ति

  • तेल खोज व उत्खनन क्षेत्र के विनियामक डीजीएच ने कंपनियों के साथ अनुबंध के मौजूदा नियमों को आगे की परियोजनाओं के लिए भी जारी रखने के विजय केलकर समिति के सुझावों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

  • अनुबंध की मौजूदा व्यवस्था में कंपनियां परियोजना से अपनी पूरी लागत निकालने के बाद ही तेल या गैस में सरकार को हिस्सा देना शुरू करती हैं जो नई परियोजनाओं में राजस्व में पहले दिन से सरकार की हिस्सेदारी की व्यवस्था लागू करने की रंगराजन समिति की सिफारिशों के उलट है।

  • हाइड्रोकार्बन महानिदेशक आर.एन. चौबे ने एक परिपत्र में कहा कि समिति ने अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर रिपोर्ट और ऐसे आंकड़े पेश किए जिनके लेखक या स्रोत का कोई अता-पता नहीं है।

  • चौबे केलकर समिति में भी रहे हैं। मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट के द्वितीय अध्याय में तेल व गैस क्षेत्र के लिए मौजूदा उत्पादन साझा अनुबंध (पीएससी) व्यवस्था को जारी रखने की सिफारिश की है जिसमें कंपनियों को अनुमति है कि वे सरकार को उसके हिस्से का भुगतान करने से पहले लागत की वसूली करें।

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